1. 1. वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को
परिभाषित कीजिए तथा इसका I. मात्रक
लिखिए।
उत्तर- वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण इसकी
रचना करने वाले किसी एक आवेश तथा उनके बीच की दूरी के
गुणनफल के बराबर होता है।
अर्थात् p = q x 2l यह एक सदिश राशि है जिसकी दिशा ऋणावेश से धनावेश की
ओर होती है। इसका S.I. मात्रक कूलॉम मीटर है।
2. बलों के अध्यारोपण का सिद्धान्त क्या है?
उत्तर- “यदि किसी निकाय में अनेक आवेश
हों, तो उनमें से किसी एक आवेश पर बल, अन्य
आवेशों के कारण अलग-अलग बलों को सदिश योग होता है, यही बलों
के अध्यारोपण का सिद्धान्त कहलाता है।”
3. इलेक्ट्रॉन वोल्ट की परिभाषा दीजिए तथा इसका संख्यात्मक मान जूल में व्यक्त कीजिए।
उत्तर- एक इलेक्ट्रॉन वोल्ट वह ऊर्जा है जो किसी इलेक्ट्रॉन से 1 वोल्ट विभवान्तर द्वारा त्वरित होने पर अर्जित होती है। अर्थात् 1 इलेक्ट्रॉन वोल्ट = 1.6 x 10-19 जूल
4. एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन एक समान वैद्युत क्षेत्र में रखे गए हैं। किसका
त्वरण अधिक होगा और क्यों?
उत्तर- इलेक्ट्रॉन का त्वरण अधिक होगा,
क्योंकि प्रोटॉन की अपेक्षा इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान कम होता है।
5. किसी आवेशित कण के भार को एक वैद्युत-क्षेत्र द्वारा किस प्रकार सन्तुलित किया
जाता है?
उत्तर- कण पर आवेश की प्रकृति के अनुसार
उस पर वैद्युत-क्षेत्र ऐसी दिशा में लगाकर, ताकि उसके कारण
कण पर लगने वाला वैद्युत बल ऊर्ध्वाधरत: ऊपर की ओर अर्थात् कण के भार की विपरीत
दिशा में कार्य करे तथा परिमाण में इसके बराबर हो।
6. आवेशित खोखले गोलाकार चालक के भीतर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता कितनी होती है?
उत्तर- शून्य।
7. वैद्युत स्थितिकी में गाउस का प्रमेय लिखिए।
उत्तर- गॉस का नियम : वह नियम है जो
विद्युत आवेश के वितरण एवं उनके कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र में संबंध स्थापित
करता है।
इस नियम के
अनुसार, “किसी बंद तल से निकलने वाला विद्यत फ्लक्स उस तल द्वारा घिरे
हुए कुल विद्युत आवेश की मात्रा का 1 / ε गुणा होता है।
8. स्थिर वैद्यत परिरक्षण क्या है? इसका
उपयोग लिखे।
उत्तर- स्थिर विद्युत परीक्षण-स्थिर
वैद्युत परिरक्षण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी आंतरिक charge क्षेत्र को बाहरी विद्युत क्षेत्र से बचाया जाता है। इसे Faraday पिंजरा भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में फैराडे पिंजरा किसी बाहरी विद्युत
क्षेत्र को कार्यान्वित होने से रोक देता है, जिसके आंतरिक
क्षेत्र के contents पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
उपयोग :- इस
प्रक्रिया का उपयोग विद्युत उपकरणों में किया जाता है।
9. आवेश +q1, +q2, और –q3, के पास रखे बन्द सतह ABC पर विद्युतक्षेत्र के फ्लक्स का मान क्या होगा?
उत्तर- कुल फ्लक्स शून्य होगा, क्योंकि सतह के अंदर कुल Charge शून्य है।
10.
वायुमण्डल वैद्युत उदासीन नहीं
होता है समझाइए क्यों?
उत्तर- वायुमंडल वैद्युत जिसमें
वायुमण्डल में उपस्थित विद्युत आवेश के बारे में अध्ययन करते हैं। पृथ्वी की सतह,
वायुमंडल तथा आयनोस्पेयर के बीच आवेशों
की गति को global atmospheric electrical circuit ‘ जानते
हैं। वायुमंडल वैद्युत एक प्रकार का Topic है, जिसमें electrostatics atmospheric physics,
meterology & earth science के बारे में study
करते हैं। इस प्रकार वायुमंडल वैद्युत उदासीन नहीं होता है।
11.
विद्युत फ्लक्स को परिभाषित
करें। इसकेSI मात्रक
को लिखा-
उत्तर– किसी सतह के हर बिंदु पर वैद्युत
तीव्रता परिभाषित हो, तो सतह के
अभिलंब क्षेत्रफल सदिश के साथ तीव्रता सदिश का आपस गुणनफल ही वैद्युत फ्लक्स
कहलाता है।
विद्युत
फ्लक्स का SI मात्रक = (विद्युत-क्षेत्र का SI
मात्रक) (क्षेत्रफल का SI मात्रक)
= (V m-1) (m) = V.m.
12.
जब काँच की छड़ को रेशम के
टुकड़े से रगड़ते हैं तो दोनों पर आवेश आ जाता है। इसी प्रकार की परिघटना का
वस्तुओं के अन्य युग्मों में भी प्रेक्षण किया जाता है। स्पष्ट कीजिए कि यह
प्रेक्षण आवेश संरक्षण नियम से किस प्रकार सामंजस्य रखता है?
उत्तर- घर्षण द्वारा आवेशन की घटनाएँ
आवेश संरक्षण नियम के साथ पूर्ण सामंजस्य रखती हैं। जब इस प्रकार की किसी घटना में
दो उदासीन वस्तुओं को रगड़ा जाता है तो दोनों वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं। घर्षण
से पूर्व दोनों वस्तुएँ उदासीन होती हैं अर्थात् उनका कुल आवेश शून्य होता है। इस
प्रकार के सभी प्रेक्षणों में सदैव यह पाया गया है कि एक वस्तु पर जितना धनावेश
आता है, दूसरी वस्तु पर उतना ही ऋणावेश आता है। इस प्रकार
घर्षण द्वारा आवेशन के बाद भी दोनों वस्तुओं का नेट आवेश शून्य ही बना रहता है।
13. (a) स्थिर
विद्युत-क्षेत्र रेखा एक सतत वक्र होती है अर्थात कोई क्षेत्र रेखा एकाएक नहीं टूट
सकती क्यों?
(b) स्पष्ट कीजिए कि दो क्षेत्र रेखाएँ कभी-भी एक-दूसरे का
प्रतिच्छेदन क्यों नहीं करतीं?
उत्तर- (a) विद्युत-क्षेत्र रेखा वह
वक्र है जिसके प्रत्येक बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर
विद्युत-क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है। ये क्षेत्र रेखाएँ सतत वक्र होती
हैं अर्थात् किसी बिन्दु पर एकाएक नहीं टूट सकतीं, अन्यथा उस
बिन्दु परे विद्युत-क्षेत्र की कोई दिशा ही नहीं होगी, जो
असम्भव है।
(b) दो विद्युत-क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेदित नहीं कर
सकतीं; क्योंकि इस स्थिति में कटान बिन्दु पर दो स्पर्श
रेखाएँ खींची जाएँगी जो उस बिन्दु पर विद्युत-क्षेत्र की दो दिशाएँ प्रदर्शित
करेंगी जो असम्भव है।