विधुत चुम्बकीय प्रेरण
1. चुम्बकीय क्षेत्र की S.I. इकाई होती है –
(A) टेसला
(B) हेनरी
(C) वेबर
(D) जूल-सेकेण्ड
Ans :- (A)
2. एक चुम्बक एक बंद चालक के निकट स्थित है। चालक में धारा उत्पन्न की जा सकती है। यदि :
(A) केवल चुम्बक गतिशील हो
(B) केवल चालक गतिशील हो ।
(C) चुम्बक और चालक दोनों गतिशील हों
(D) चालक और चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति हो
Ans :- (D)
3. एक कुण्डली का स्व प्रेरण गुणांक 5 mH है। यदि इस कुण्डली से 2A की धारा प्रवाहित की जाय तब उस कुण्डली से चुम्बकीय फ्लक्स होगा –
(A) 1 Wb
(B) 0.1 Wb
(C) 0.01 Wb
(D) 0.001 Wb
Ans :- (C)
4. प्रेरण कुंडली से प्राप्त होता है :
(A) उच्च धारा, प्रबल विद्युत वाहक बल
(B) निम्न धारा, प्रबल विद्युत वाहक बल
(C) प्रबल धारा, निम्न विद्युत वाहक बल
(D) निम्न धारा, निम्न विद्युत वाहक बल
Ans :- (B)
5. अन्योन्य प्रेरण (mutual induction) का I. मात्रक है
(A) हेनरी
(B) ओम
(C) टेसला
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
6. जब किसी कुंडली के निकट किसी चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव दूर ले जायाजाता है तब उसमें उत्पन्न प्रेरित विद्युत धारा की दिशा होती है
(A) वामावर्त्त
(B) दक्षिणावर्त
(C) कभी वामावर्त्त कभी दक्षिणावर्त्त
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
7. प्रेरण कुण्डली से प्राप्त होता है
(A) उच्च धारा पर प्रबल वि०वा० बल
(B) निम्न धारा पर प्रबल वि०वा० बल
(C) प्रबल धारा पर निम्न वि०वा० बल
(D) निम्न धारा पर निम्न वि०वा० बल
Ans :- (B)
8. चित्र में सीधी तार में प्रवाहित धारा I = 50A है तथा लूप का वेग v = 10ms-1 दायीं ओर है। जब x = 0.2m है तो लूप में प्रेरित विद्युतवाहक बल का परिमाण है
(A) 1.7 x 10-5V
(B) 6.5 V
(C) 2.2 v
(D) शून्य
Ans :- (A)
9. एक चुम्बक एक बंद चालक के निकट स्थित है। चालक में धाराउत्पन्न की जा सकती है। यदि :
(A) केवल चुम्बक गतिशील हो
(B) केवल चालक गतिशील हो
(C) चुम्बक और चालक दोनों गतिशील हों।
(D) चालक और चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति हो
Ans :- (D)
10. अन्योन्य प्रेरण (mutual induction) का S.I. मात्रक है –
(A) हेनरी
(B) ओम
(C) टेसला
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
11. प्रेरण कुण्डली जनित्र (Induction coil generator) होती है
(A) प्रबल धारा
(B) उच्च वोल्टता
(C) अल्प-धारा
(D) अल्प वोल्टता
Ans :- (B)
12. किसी उच्चायी ट्रांसफॉर्मर के प्राइमरी तथा सेकेण्डरी में क्रमश: N1 तथा N2 लपेटे हों तो –
(A) N1 > N2
(B) N2 > N1
(C) N1 = N2
(D) N1 = 0
Ans :- (B)
13. लेंज का नियम किस भौतिक राशि के संरक्षण पर आधारित है –
(A) आवेश
(B) संवेग
(C) ऊर्जा
(D) द्रव्यमान
Ans :- (C)
14. किसी उच्चायी (step-up) ट्रांसफॉर्मर के प्राइमरी और सेकंडरी में क्रमश: N1 और N2 लपेट हैं, तब
(A) N1 > N2
(B) N2 > N1
(C) N1 = N2
(D) N1 = 0
Ans :- (B)
15. यदि डेनियल सेल को प्राथमिक कुण्डली के सिरों के बीच जोड़ दें तो फ्लक्स में परिवर्तन होगा –
(A) 10 वेबर
(B) 20 वेबर
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (C)
16. एक कुंडली से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स 1 सेकंड में 1 वेबर से घटकर 1 वेबर हो जाता है। कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल है-
(A) 9 वोल्ट
(B) 0.09 वोल्ट
(C) 0.9 वोल्ट
(D) 90 वोल्ट
Ans :- (C)
17. लेंज का नियम पालन करता है –
(A) बॉयो-सावर्त नियम का सिद्धान्त
(B) संवेग संरक्षणता का सिद्धान्त
(C) ऊर्जा संरक्षणता का सिद्धान्त
(D) आवेश संरक्षणता का सिद्धान्त
Ans :- (C)
18. जब एक चुंबकीय क्षेत्र में धातु का गोला गतिमान कराया जाता है, तब यह गर्म हो जाता है, क्योंकि
(A) प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न होती है
(B) दिष्ट धारा उत्पन्न होती है।
(C) भँवर-धारा उत्पन्न होती है
(D) अतिरिक्त धारा उत्पन्न होती है
Ans :- (C)
19. किसी बन्द परिपथ का प्रतिरोध 10 ओम है। इस परिपथ से t समय(सेकेण्ड) में, चुम्बकीय फ्लक्स (वेबर में) φ = 6t2–5t +1 से परिवर्तित होता है। t= 0.25 सेकेण्ड पर परिपथ में प्रवाहित धारा (एम्पियर में) होगी
(A) 0.4
(B) 0.2
(C) 2.0
(D) 4.0
Ans :- (B)
20. एक सीधा चालक छड़ पूर्व-पश्चिम की ओर क्षैतिज स्थिर रखा गया है। इसे गिरने को के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके सिरों के बीच विभवान्तर
(A) की दिशा बदलती रहेगी
(B) बढ़ता जायेगा
(C) घटता जायेगा
(D) शून्य रहेगा
Ans :- (B)
21. एक कुंडली से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स 1 सेकंड में 1 वेबर से घटकर 0.1 वेबर हो जाता है। कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल है-
(a) 9 वोल्ट
(b) 0.09 वोल्ट
(c) 0.9 वोल्ट
(d) 90 वोल्ट
Ans :- (C)
22. तप्त तार ऐमीटर मापता है प्रत्यावर्ती धारा का
(A) उच्चतम मान
(B) औसत मान
(C) मूल औसत वर्ग धारा
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (B)
23. क्या प्रेरित धारा और प्रेरित आवेश कण्डली के प्रतिरोध पर निर्भर करते हैं –
(A) हाँ
(B) नहीं
(C) दोनों में एक
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
24. चुम्बकीय फ्लक्स का S.I. मात्रक है –
(A) वेबर
(B) वेबर x मीटर
(C) वेबर/मीटर2
(D) टेसला
Ans :- (A)
25. विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण की घटना खोजी गई थी –
(A) फैराडे द्वारा
(B) फ्लेमिंग द्वारा
(C) लेंज द्वारा
(D) रूमकॉर्फ द्वारा
Ans :- (A)
26. किसी परिपथ में 0.1s में धारा 5.0A से शुन्य तक गिरती है। यदि औसत विद्युतवाहक बल 200V प्रेरित हो तो परिपथ का स्वप्रेरकत्व होगा-
(A) 4 H
(B) 3 H
(C) 4 mH
(D) 3 mH
Ans :- (A)
27. यदि L प्रेरकत्व को तथा R प्रतिरोध को व्यक्त करते हैं। तो L/R की विमा होगी –
(A) [M0L0T-1]
(B) [M0LT]
(C) [MLT-2]
(D) [M0L0T]
Ans :- (D)
29. निम्न में से कौन-सा नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है ?
(A) लेंज नियम
(B) फैराडे का विद्युत विच्छेदन नियम
(C) एम्पियर का नियम
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
30. यदि dA क्षेत्र पर डाला गया लम्ब चुम्बकीय क्षेत्र के साथ θ कोण बनाता हो तब dA क्षेत्र पर चुम्बकीय फ्लक्स होगा –
(A) BdA cos θ
(B) B.dA.cosθ
(C) B . dA
(D) शून्य
Ans :- (A)
31. प्रेरण कुण्डली का व्यवहार किया जाता है
(A) प्रतिरोध मापने के लिए
(B) विभवांतर मापने के लिए
(C) धारा मापने के लिए
(D) विसर्जन नलियों को चलाने के लिए
Ans :- (D)
32. ट्रांसफार्मर उदाहरण है –
(A) स्वप्रेरण गुणांक का
(B) अन्योन्य प्रेरण गुणांक का
(C) लेंज के नियम को
(D) न्यूटन के नियम का
Ans :- (A)
33. चुम्बकीय फ्लक्स का SI मात्रक नहीं है
Ans :- (D)
34. एक कुंडली के लिए स्वप्रेरकत्व 2 मिली हेनरी है। उसमें विद्युत धारा प्रवाह की दर 103एंपियर सेकंड है। इसमें प्रेरित विद्युत वाहक बल है –
(A) 1 वोल्ट
(B) 2 वोल्ट
(C) 3 वोल्ट
(D) 4 वोल्ट
Ans :- (B)
35. प्रेरण कुण्डली में संधारित्र के व्यवहार से द्वितीयक का वि०वा० बल –
(A) बढ़ जाता है
(B) घट जाता है
(C) अपरिवर्तित रहता है
(D) शून्य हो जाता है
Ans :- (A)
36. एक चुम्बक, एक बन्द चालक के निकट स्थित है। चालक में धारा उत्पन्न की जा सकती है यदि-
(A) केवल चुम्बक गतिशील हो
(B) केवल चालक गतिशील हो
(C) चुम्बक और चालक दोनों गतिशील हों
(D) चालक और चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति हो
Ans :- (D)
37. ट्रांसफॉर्मर कार्य करता है
(A) केवल d.c.
(B) केवल a.c.
(C) a.c. और d.c. दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
38. किसी बन्द परिपथ का प्रतिरोध 10 ओम है। इस परिपथ से t समय (सेकेण्ड) में, चुम्बकीय फ्लक्स (वेबर में) Φ = 6t2 – 5t+1 से परिवर्तित होता है। t= 0.25 सेकेण्ड पर परिपथ में प्रवाहित धारा (एम्पियर में) होगी –
Ans :- (B)
39. डायनेमो के कार्य का सिद्धांत आधारित है –
(A) धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर
(B) विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण
(C) प्रेरित चुम्बकत्व पर
(D) प्रेरित विद्युत पर
Ans :- (B)
40. चम्बकीय प्रेरण के समय के साथ बदलने से किसी बिन्दु पर उत्पन्न होता है
(A) गुरुत्वीय क्षेत्र
(B) चुम्बकीय क्षेत्र
(C) वैद्युत क्षेत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (C)
41. जब किसी कुंडली के निकट किसी चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव दूर ले जाया जाता है तब उसमें उत्पन्न प्रेरित विद्यत धारा की दिशा होती है :
(A) वामावर्त्त
(B) दक्षिणावर्त
(C) कभी वामावर्त्त कभी दक्षिणावर्त्त
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
42. यदि dA क्षेत्रफल सदिश पर चुम्बकीय क्षेत्र B लम्बवत् हो, तब dA क्षेत्र पर चुम्बकीय फ्लक्स होगा –
(A) BdA cosθ
(B) B.dA.cosθ
(C) B.dA
(D) शून्य
Ans :- (D)
43. ट्रांसफॉर्मर का क्रोड बनाने के लिए सबसे उपयुक्त पदार्थ निम्नलिखित में से कौन है ?
(A) मुलाइम इस्पात
(B) ताँबा
(C) स्टेनलेस स्टील
(D) अलनीको
Ans :- (A)
44. छड़ में प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान होगा :
(A) BLV
(B) B2L2V
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A)
45. पास-पास रखी कुण्डलियों के एक युग्म का अन्योन्य प्रेरकत्व 1.5 H है। इनमें एक कुण्डली में वैद्युत धारा शून्य से बढ़ते हुए 0.5s में 20A हो जाती है तो दूसरी कुण्डली से चुम्बकीय फ्लक्स बंधता में परिवर्तन है –
(A) 4 H
(B) 30 Wb
(C) 3.125V
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (B)
46. एक वृत्ताकार लूप की त्रिज्या R है, जिसमें I धारा प्रवाहित हो रही है तथा जिसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B है। वृत्त के अक्ष पर उसके केन्द्र से कितनी दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान B/8 होगा –
Ans :- (C)
47. चुंबकीय फ्लक्स का विमीय सूत्र होता है –
(A) [ML2T-2A-2]
(B) [ML2T-2A-1]
(C) [ML-2T2A]
(D) [ML-2T2A2]
Ans :- (B)
48. स्व प्रेरकत्व का S.I. मात्रक है –
(A) कूलम्ब (C)
(B) वोल्ट (V)
(C) ओम (Ω)
(D) हेनरी (H)
Ans :- (D)
49. उदग्र तल में चालक तार की वृत्ताकार कुंडली रखी हुई है। इसकी ओर एक छड़ चुम्बक लाया जा रहा है। चुम्बक का उत्तरी ध्रुव कुंडली की ओर है। चुम्बक की तरफ से देखने पर कंडली में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा होगी –
(A) वामावर्त
(B) दक्षिणावर्त
(C) पहले वामावर्त पुनः दक्षिणावर्त
(D) पहले दक्षिणावर्त पुनः वामावर्त
Ans :- (A)
50. प्रेरित विद्युत धारा की दिशा का ज्ञान होता है –
(A) लेंज के नियम से
(B) फ्लेमिंग के दाएं हाथ के नियम से
(C) बायो सेवर्ट का नियम से
(D) एम्पीयर के परिपथ नियम से
Ans :- (A)
51. एक कुंडली के अंदर लोहे की क्रोड रख देने से कुंडली का स्व प्रेरकत्व में परिवर्तन होगा –
(A) बढ़ता है
(B) घटता है
(C) समान रहता है
(D) कह नहीं सकते
Ans :- (A)
52. लेंज का नियम सम्बद्ध है
(A) आवेश से
(B) द्रव्यमान से
(C) ऊर्जा से
(D) संवेग के संरक्षण सिद्धांत से
Ans :- (C)
53. चौक कण्डली प्रेरकत्व 5H है। इसमें बहती धारा 2AS-1 की दर से बढ़ रही है। प्रेरित विद्युत वाहक बल होगा :
(A) 10 V
(B) -10 V
(C) 2.5 V
(D) 5 V
Ans :- (B)
54. स्वप्रेरण गुणांक का उदाहरण है –
(A) ट्रांसफार्मर
(B) चोक कुंडली
(C) विद्युत मोटर
(D) जनित्र
Ans :- (B)
55. यदि L प्रेरकत्व, R प्रतिरोध तथा C संधारित्र की धारिता हो, तो L/R एवं RC का विमीय सूत्र है –
(A) M°LT-1, ML°T°
(B) M°L°T, MLT°
(C) M°L°T, 1
(D) M°L°T, M°L°T
Ans :- (D)
56. अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मात्रक होता है –
(A) टेस्ला
(B) वेबर
(C) हेनरी
(D) वेबर/मीटर
Ans :- (C)
57. एक चुंबक, एक बंद चालक के निकट स्थित है। चालक में धारा उत्पन्न की जा सकती है यदि
(a) केवल चुंबक गतिशील हो
(b) केवल चालक गतिशील हो
(c) चुंबक और चालक दोनों गतिशील हों
(d) चालक और चुंबक के बीच आपेक्षिक गति हो
Ans :- (D)
58. विद्युत-चुंबकीय प्रेरण की घटना खोजी गई थी। ____
(a) फैराडे द्वारा
(b) फ्लेमिंग द्वारा
(c) लेंज द्वारा .
(d) रूमकॉर्फ द्वारा
Ans :- (A)
59. प्रेरण कुंडली एक यंत्र है जिसके द्वारा उत्पन्न की जाती है
(a) उच्च धारा
(b) उच्च वोल्टता
(c) अल्प धारा
(d) अल्प वोल्टता
Ans :- (B)
60. प्रेरण-कुंडली में संधारित्र के व्यवहार से द्वितीयक का वि० वा० बल
(a) बढ़ जाता है
(b) घट जाता है
(c) अपरिवर्तित रहता है
(d) शून्य हो जाता है
Ans :- (A)
61. स्वप्रेरकत्व का मात्रक है।
(a) वेबर (Wb)
(b) ओम (Ω)
(c) हेनरी (H)
(d) गॉस (Gauss)
Ans :- (C)
62. स्वप्रेरकत्व (self-inductance) का SI मात्रक है
(a) कूलॉम (C)
(b) वोल्ट (V)
(c) ओम (2)
(d) हेनरी (H)
Ans :- (D)
63. एक कुंडली का स्वप्रेरण-गुणांक (self-inductance) 5 mH है। यदि इस कुंडली से 2 A की
धारा बहाई जाए तो इस कुंडली से चुंबकीय फ्लक्स होगा
(a) 1 Wb
(b) 0.1 Wb
(c) 0.01 Wb
(d) 0.001 Wbis
Ans :- (C)
64. प्रेरण कुंडली का व्यवहार किया जाता है
(a) प्रतिरोध मापने के लिए
(b) विभवांतर मापने के लिए
(c) धारा मापने के लिए
(d) विसर्जन-नलियों (discharge tubes) को चलाने के लिए
Ans :- (D)